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कम्युनिस्ट ने एक डाक्यूमेंट्री फिल्म को लेकर किया JNU के छात्रों पर हमला
आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी और लेफ्ट विंग के संगठनों के कार्यकर्ता फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर भिड़ गए। साबरमती लॉन्स में विवेकानंद विचार मंच नाम के संगठन की ओर से ‘भगवान के अपने देश में प्यार के नाम पर उन्माद’ नाम से डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की जा रही थी। इसी दौरान दोनों तरफ के छात्र आपस में भिड़ गए।
लेफ्ट विंग के छात्रों ने यह कहते हुए कैंपस में डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग का विरोध किया कि इससे सांप्रदायिक घृणा और उपद्रव फैलने की आशंका है। छात्रों ने इस बात का भी विरोध किया कि फिल्म में केरल की युवती हादिया का भी नाम लिया गया है। लेफ्ट विंग के छात्रों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हादिया की शादी को लव जिहाद का मामला मानने से इनकार किया है। ऐसे में उसका नाम लेना सही नहीं है।
'In the Name of Love' documentary being screened by Vivekananda Vichar Manch & Global Indian Foundation.
Communists came & attacked students watching documentary there.
This is an attack on Freedom of Expression & Democratic Ethos of JNU by Left goons.#CommunistViolenceInJNU pic.twitter.com/gc9JUYZul8— Nidhi Tripathi JNU (@nidhitripathi92) April 27, 2018
#CommunistViolenceInJNU :
1) Attacked Students.
2) Threatened to Rape & Kill.
3) Run Car on Security Guard, He's in Hospital.
4) They didn't even spare Female Guards.
But No Coverage by Media, No Lectures by FOE/FOS Activists and Feminists as Victims are ABVP guys so Chalta hai..— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 28, 2018
This Woman is a Security Guard in JNU. She's beaten by Communists. #CommunistViolenceInJNU. Look at her tears & hang your head in Shame. This the culture of Communism. pic.twitter.com/GOJJETlZyW
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 28, 2018
इस मसले पर विवाद के बाद जेएनयू छात्र संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जेंडर जस्टिस और घृणा की राजनीति के खिलाफ खड़े हुए छात्रों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उन लोगों के खिलाफ था, जो ‘लव जिहाद’ की बात कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं। लेफ्ट संगठनों से जुड़े छात्रों ने आरोप लगाया कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान दूसरे पक्ष की ओर से उन पर अंडे और पत्थर फेंके जाने लगे, जिसके बाद हंगामा हो गया। हालांकि विवेकानंद विचार मंच के उमेश कुमार खुते ने कहा कि लेफ्ट के छात्रों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर अपनी असहिष्णुता दिखाई है।
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