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कश्मीर के वीडियो पर गौतम गंभीर का फूटा गुस्सा दिया एक गंभीर सुझाव. 2019 चुनाव को लेकर कह दी बड़ी बात
जम्हूरियत,इंसानियत और कश्मीरियत को पत्थरबाजों ने शुक्रवार को एक बार फिर शर्मसार किया। जूमे की नमाज के बाद नमाजी अपने अपने घरों की तरफ लौट रहे थे। लेकिन कुछ भटके हुए युवकों के ग्रुप ने सीआरपीएफ की गाड़ी पर हमला कर दिया। गाड़ी चालक ने अपने बचाव में कुछ उपाय किए जिसमें एक पत्थरबाज गाड़ी की चपेट में आ गया और उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद जमकर सियासत भी शुरू हुई। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये राज्य सरकार की नाकामी है। महबूबा सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम है। इन सबके बीच करीब करीब सभी विषयों पर अपनी राय जाहिर करने वाले क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर ने अपने अंदाज में उन नेताओं को जवाब दिया।
गौतम गंभीर ने कहा कि उनके पास जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान है। ऐसे में आपका सोचना लाजिमी है कि जो समस्या पिछले 70 वर्षों से उलझी है, उसे गौतम गंभीर कैसे सुलझा सकते हैं। उनका जवाब शायद आपको व्यावहारिक नजर न आए। लेकिन उन्हें लगता है कि उनके सुझाए उपायों से कश्मीर समस्या हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
अब आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा, वो कहते हैं कि कश्मीर के अशांत इलाकों में राजनेताओं को परिवार समेत बिनी किसी सुरक्षा के एक हफ्ता गुजारना चाहिए। अगर ऐसा करने में वो कामयाब होते हैं तभी 2019 के आम चुनाव में उन्हें चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए। जब तक राजनेता ऐसा नहीं करेंगे वो सैन्य बलों के दर्द को नहीं समझ सकते हैं।
I have a solution:Make it mandatory for politicians to spend a week in troubled parts of Kashmir along with their families&without security. Only then they b allowed to contest 2019 elections. No other way to make them understand d plight of armed forces & a well-meaning Kashmiri https://t.co/PdtCNVbOqr
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) June 2, 2018
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सीआरपीएफ की श्रीनगर यूनिट के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है। शुक्रवार को नौहट्टा मामले में ये मुकदमा पंजीकृत कराया गया है, जिसमें सीआरपीएफ के बख्तरबंद वाहन से शुक्रवार को घायल हुए एक पत्थरबाज की शनिवार को मौत हो गई थी। पुलिस ने धारा 307 (हत्या का प्रयास), 148 (दंगा, घातक हथियार रखने) और 279 (रैश ड्राइविंग) सहित 149, 152, 336 और 427 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की हैं।
शुक्रवार को नौहट्टा में विरोध प्रदर्शन के दौरान 21 वर्षीय कैसर अहमद नाम का एक पत्थरबाज युवक सीआरपीएफ वाहन के नीचे आने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। पत्थरबाज की मौत के बाद जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने ऐहतियातन श्रीनगर और बड़गाम जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। घायल अहमद को शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) में भर्ती कराया गया था। लेकिन शनिवार तड़के उसने दम तोड़ दिया।
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