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मोदी सरकार ने खत्म की हज यात्रियों के लिए सब्सिडी
हज यात्रा पर जानेवाले लोगों को इस साल से कोई रियायत नहीं मिलेगी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को घोषणा की कि हज यात्रा पर दी जाने वाली रियायत इस साल से खत्म हो गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि यह फैसला तुष्टीकरण के बगैर अल्पसंख्यकों को सशक्त करने के उसके अजेंडे का ही एक हिस्सा है। सरकार के इस फैसले से 1.75 लाख हज यात्री प्रभावित होंगे।
गौरतलब है कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हज सब्सिडी को धीर-धीरे 2022 तक खत्म करने को कहा था। इसके बाद ही हज सब्सिडी वापस लेने की नीति तैयार की गई। खर्च बढ़ने के बाद सरकार अब हवाई मार्ग के साथ यात्रियों को समुद्र मार्ग का भी विकल्प देगी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि हज सब्सिडी के फंड को मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सब्सिडी का फायदा एजेंट्स उठा रहे थे इसलिए हज सब्सिडी बंद कर दी गई है। गरीब मुस्लिमों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार इस फैसले से हज यात्रा करानेवाले कॉन्ट्रैक्टरों की प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाना चाहती है। बताया जा रहा है कि 2018 में अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा यात्री हज यात्रा पर जानेवाले हैं। दरअसल, हाल ही में सऊदी अरब ने भारतीय यात्रियों के लिए कोटा 5 हजार और बढ़ा दिया है। अब कुल 1.75 लाख भारतीय नागरिक हज की यात्रा पर जा सकते हैं।
खास बात यह है कि भारत से करीब 1300 महिलाएं इस बार बिना मेहरम (परिवार का वह पुरुष जिससे शादी संभव नहीं) के हज यात्रा करेंगी। रियाद ने इस मामले में अपने नियमों में थोड़ी ढील देते हुए 45 साल से अधिक उम्र की कम से कम 4 महिलाओं के समूह को बिना किसी साथी के यात्रा की अनुमति दे दी है।
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